Conclusion

अंतर के उद्गार

परमात्मा पार्श्व प्रभु वर्तमान काल में एक अनन्य श्रृद्धा का केंद्र बिंदु है और अगर इसमें भारतवर्ष के 108 पार्श्वनाथ तीर्थों में उल्लेखित वही पार्श्वनाथ तीर्थ के दर्शन का सोभाग्य मिले तो हमारा मानव जीवन निश्चय ही सफल हो जावेगा |

तीर्थ हमारी श्रृद्धा और भावना का वह पवित्र स्थान है जहाँ की स्पर्शना मात्र से हृदय को शांति मिलती है और जीवन में पून्य अर्जन का सुअवसर मिलता है | अनेक गुरु भगवन्तो की निश्रा से यहाँ के परमाणु अत्यंत निर्मल और शुद्ध होते है | यहाँ आकार अपूर्व शांति का प्रत्यक्ष अनुभव होगा | तीर्थ के पावन भूमि पर आकार यहाँ कि विशिष्ट कला एवं प्राकृतिक सौंदर्य आपको बार बार वही पार्श्वनाथ दादा के दर्शन के लिए मजबूर करेगा ऐसा मेरा पूरा विश्वास है |

तीर्थ की विशेष जानकारी और मार्गदर्शन के साथ ज्यादा से ज्यादा श्रृद्धालू इस पावन भूमि की स्पर्शना कर पूण्य उपार्जन करे इसी भावना एवं पूज्य आचार्य देव हर्षसागर सूरिश्वरजी म. सा. की प्रेरणा से ये वेबसाइट (Website) लांच की जा रही है | आप इसका लाभ उठाते हुए यहाँ पधारेंगे ऐसी मन में अभिलाषा है |

आपके आगमन पर हम सेवा भक्ति का लाभ लेकर अपने आप को अहोभाग्यी मानेंगे |

कृपया सपरिवार जरुर पधारे .....!

ट्रस्ट सदस्यों का सभी को सादर प्रणाम

यही विनय !
अशोक कुमठ (अध्यक्ष)
Mob. +91-8989557689

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